देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
The spouse of Shiva the goddess of speech, the goddess Kali we pray for you to carry out benevolent functions
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
नवरात्रि के नौ दिनों तक इसका पालन करना होगा तभी ये पूर्ण फल प्रदान करेगा.
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
कुंजिकापाठमात्रेण read more दुर्गापाठफलं लभेत्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
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